हम किस दर्द में जीं रहें ,हमदर्द को खबर नहीं ,
हमारे आंसुओं का भी होता अब उनपे असर नहीं .
राह उनकी देखती हैं अब भी ये आँखें,
हम राह में हैं अकेले, हमराह संग राह में नहीं.
दो कदम भी जो हमारे साथ नहीं चल सकते .
उन्हीं के यादों में हम हैं हर पल जलते,
हैं इस दिल को शायद अब भी कोई आस,
जो दूर गये हैं हमसे, कभी तो आयेंगे पास.
शायद उन्हें हमारे प्यार की कदर नहीं,
या कहीं हम में ही सब्र नहीं,
इस दिल को तो अभी नहीं होता ये यकीं,
हमसफ़र सफ़र में यूँ छोड़ चल देंगे कहीं .
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