Saturday, 28 January 2012

Rishtey

दिल के दर्पण में कभी अचानक
कुछ रिश्ते धुंधलें नजर आते हैं ,
कदम भी उनकी ओर बढ़ाये तो,
फासलें और भी बढ़ जाते हैं,

मोतियों की तरह टूट के जब रिश्ते
फर्श पर  बिखर जाते हैं,
कुछ कह कर भी हम कुछ कह नही पाते .
और  सपनो के कागज़ कोरे हीं रह जाते हैं.

किसी की कमी आँखों की नमी बन छलक जाते हैं,
बूँदें गिरे जो ज़मीन पर ,भींगता हैं ये मन
 यादों के सायों में और भी घिर जाते हैं.
पास आकर जब यूँ लोग दूर चले जाते हैं .


~deeps 

2 comments:

  1. So true ..
    कदम भी उनकी ओर बढ़ाये तो,
    फासलें और भी बढ़ जाते हैं

    I have experienced that and it hurts so much ..Utlimately they teach us to live without them, which we never wished to ..

    apne hain keh kar pass aate hain
    aur parayon jaisa dil tod jate hain
    rangeen sapno ko
    aise berang bana jate hain
    ek nazuk samjhote ko
    tar tar ka jate hain..

    ( I suck at hindi poems, But hope you could read the message i wanted to convey :))

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