Wednesday 16 November 2011

तू हीं तू

 तू हीं  तू

शीशे में भी अक्स तेरा हीं  दीखता है,
मेरे  ज़हन में बस  तू हीं तू है,
मेरे रूह में भी तू बसता है ,
बस अब तेरी ही आरज़ू है,


हर लम्हा जिक्र है तेरा ,
हर अलफ़ाज़ में तू हीं तू है,
इस कदर असर है तेरे इश्क का,
मेरे हर ज़ज्बात में बस तू हीं तू है.


जागती आँखों में भी तू है ,
सपनो की रातों में भी बस तू है 
ख्वाबों का सिलसिला भी तुझसे हीं शुरू होता है ,
इन साँसों की आखिरी ख्वाहिश भी बस तू है .


तुझसे ये बयां न कर सकूं ,
कहूँ तो भी कैसे कहूँ ,
क्यों है फ़ासले दरमियाँ ,
तेरे बिन अब जियूँ तो कैसे जियू


Source: Google images
~deeps

Friday 11 November 2011

नन्हे सपने

नन्हे  सपने .  

सूरज भी जाग चूका था,
बादलों के पीछे से,
चुपके से झांक रहा था ,
किरणे उसकी अब फ़ैल रही थी,
और वो तो  अभी अपने
सपनो के गलियों में
धीरे-धीरे चल रही थी,
ये  दुनिया उसकी अपनी थी ,
यहीं अभी भी वो कही खोयी थी,
उसे याद भी नही रात,
फिर  कितना वो रोयी थी.


अचानक  हुआ कहीं  घंटी  का लम्बा शोर,
आँखे मीचे उठी वो, सपनो की दुनिया पीछे छोड़,
दिखाई दिए कुछ उसके जैसे ही नन्हे-से कदम,
कंधे पे बैग लिए ,दौड़ रहे अपने स्कूल की ओर,
याद आया ,उसे भी तो था कहीं  जाना,
नजर दौड़ाई आस-पास , कुछ ढूंड रही थी वो,
उसे एक बड़ा- सा प्लास्टिक का थैला मिल गया .
उसे ले कर उसका चेहरा थोडा खिल गया,
Courtesy: Google images
रोज़ की  तरह जाना था उसे भी, पर स्कूल नहीं ,
उससे थोड़े दूर  कचरों के अम्बार की ओर.

स्कूल तो  बस दूर से ही देखती थी ,
किताबो के बारे में बस सोचती थी,
आज  भी सपने में वही तो थी ,
इसलिए  इस दुनिया से ज्यादा,
सपने ही उसे अच्छे लगते थे,
सच नही पर सच्चे लगते थे.
थैला  उठाये चली वो ,
धीरे धीरे स्कूल के आगे बढ़ी वो,.


आज कुछ नया-नया सा था सब ,
देख के अजीब लगा उसे,
आज वहां से कचरों का ढेर था गायब,
सब साफ़-साफ़ था , जाने हुआ ये कब .
तभी बगल से एक शोर हुआ,
" आज शिक्षा दिवस है,
मिनिस्टर साहब  आ रहे है , हटो सब"
एक हाथ ने उसे वहां से हटाया,
उसकी समझ में कुछ भी न आया.


एक कोने में खड़ी  होकर वो देखती रही ,
बहुत-सी गाड़िया आकर खड़ी हो गयी,
कुछ सफ़ेद कपड़ों में गाड़ियों से निकले ,
लोगो ने उनके गले में मालाये डाली,
ओर जोर से सबने बजायी  ताली ,
ओर सब स्कूल के अन्दर चले गये.
पर उसके कदम अभी भी वही ठहर गये ,
कुछ लोग गाड़ियों से कुछ सामान निकाल रहे थे,
किताबों का ढेर, शायद स्कूल में बाटने के लिए,
चुप -चाप  उन्हें  वो प्यारी  सी-आँखे निहार रही थी ,
ओर जाने क्यों अचानक  ख़ुशी से चमक रही थी .

सबके जाने के बाद ,धीरे से वो वहां गयी.
लगा उसे जैसे अपने सपनो के पास आ गयी,
एक पुस्तक वही गिरी पड़ी थी,
उसे देख उसके अन्दर खुशी की लहर दौड़ रही थी,
उसे उठाकर प्यार से खोलकर देखा,
बड़े सुन्दर चित्र ओर अंकित थे कुछ काले अक्षर ,
झूम उठी वो , आज पैर नही थे उसके जमीन पर,
उड़ने लगी वो ,लगा के फिर ख्वाबो के पर.

पर तभी वहां से तेज़ रफ़्तार में एक गाडी निकली,
ओर निकली एक चीख ,
छुटा  हाथ से किताब ,दूर गिरा वो ज़मीन पर,
ओर फिर गिरी वो भी , कट गये उसके सपनो के पर,
एक ओर गाडी ने कुचल दिया उसके सपनो को,
वो उठी , दौड़ी लेने उस किताब को, पर
टुकड़े हो गये थे उसके, सब गया था मिटटी में मिल
वीरान हो गयी फिर वो आँखे,नन्हे सपने हो गये धूमिल.

~deeps

Thursday 10 November 2011

ufffff...Ye Pyaar

उफ़ ..!ये प्यार 

ये प्यार का सिलसिला भी अजीब होता  है,
दूर होकर  भी कोई दिल के करीब होता है .
किसी के इंतज़ार में उल्लू की तरह जागती हैं आँखें ,
जब सारा ज़माना चैन की नींद सोता है.

अपनी धडकनों पर हीं अपना बस नहीं  होता ,
 किसी और के लिए हर पल बेचैन होता है
एक सवाल का तो जवाब नही मिलता और,
हज़ारो सवाल खुद खड़े कर  दिल परेशां होता है .

दूरियों में भी नजिदिकियों का एहसास होता है,
न जाने कोई क्यों इतना खास होता है,
इस मोहब्बत  के रास्ते में जनाब,
दर्द का आलम बेहिसाब होता है,

तन्हा न होकर भी तन्हा होते हैं ,
ज़िन्दगी यूँ उलझी रहती हैं ,
खुद की कोई खबर ही नहीं रहती ,
जाने किन खयालो में हर वक़्त खोए होते  हैं ,

मिलता है वही जो नसीब में होता है,
जान के दिल इससे अंजान होता है,
बेवजह आंसू बहाकर, किसी के दर्द में रोता है,
उफ़ ..!ये प्यार का सिलसिला भी अजीब होता है.

Source:Google images
  
~deeps



Wednesday 9 November 2011

Death

Death


The waves that rise, would come down,
The great Eagle that was flying high,
Now wriggles in pain ,on the ground.
The end of all is sure to come.

Nothing is here forever.
even the mightiest king ,
may turn into a beggar.
Death will engulf all sooner or later.

Death ,I accept you are great,
But no one in the world ,for you waits.
They know what lies in their fate,
but still ,they die each day in fear of death.

Why you create such a fear,
In minds of people each day?
Thinking you are near.
scared to live life to fullest
 in their own way .

One day you will loose,you wont be a threat
when a valiant  heart you will meet,
It  wont fear you ,shall cheerfully greet
Then I 'll say death you are not  great.

~deeps



Monday 7 November 2011

Cascade

Cascade

Why is that I care for you,
a special bond between me and you,
From childhood to present ,
Day by day together we grew.

When I was small I didn't care,
 I messed Up with my curly hair,
Oiling and nourishing  it ,
was all my mother's affair.

As I grew up, I realized.
In you my beauty lies.
To your needs ,I was unaware
 You do need special care.

You are my part,
Through you I express,
Moments of happiness,
or when I am in stress.

At times a gentle tuck of Hair,
to show someone that I care.
when there are emotions to show,
I unlock them , let them flow.

It  falls down like a cascade,
without a single word being said,
All my feelings are conveyed.
When naughty , with those curls I played.

Love is a two way street ,
With love and care ,shall you I treat .
So that my hair loves me back,
I 'll nourish it to grow it more long and black.

Source: Google images

~deeps

P.S:  Written for the Dove Blogger contest :"Love is a two way street, love your hair , and it will love you back."