उफ़ ..!ये प्यार
ये प्यार का सिलसिला भी अजीब होता है,
दूर होकर भी कोई दिल के करीब होता है .
किसी के इंतज़ार में उल्लू की तरह जागती हैं आँखें ,
जब सारा ज़माना चैन की नींद सोता है.
अपनी धडकनों पर हीं अपना बस नहीं होता ,
किसी और के लिए हर पल बेचैन होता है
एक सवाल का तो जवाब नही मिलता और,
हज़ारो सवाल खुद खड़े कर दिल परेशां होता है .
दूरियों में भी नजिदिकियों का एहसास होता है,
न जाने कोई क्यों इतना खास होता है,
इस मोहब्बत के रास्ते में जनाब,
दर्द का आलम बेहिसाब होता है,
तन्हा न होकर भी तन्हा होते हैं ,
ज़िन्दगी यूँ उलझी रहती हैं ,
खुद की कोई खबर ही नहीं रहती ,
जाने किन खयालो में हर वक़्त खोए होते हैं ,
मिलता है वही जो नसीब में होता है,
जान के दिल इससे अंजान होता है,
बेवजह आंसू बहाकर, किसी के दर्द में रोता है,
उफ़ ..!ये प्यार का सिलसिला भी अजीब होता है.
~deeps
sach hai ! bahut ajeeb hota hai !! sundar rachna..
ReplyDeletewah wah!!
ReplyDeletebahut khoob kahi!
thnx @rajneesh @magiceye
ReplyDeleteBahut sundar...:)
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