हमारे लिए जगह नहीं जिनके आशियाने में,
उनके लिए दिल में हमने प्यार-भरा आशियाना बनाया ,
हसीन यादों का उसमे एक कमरा बनाया ,
बीतती है हर शाम उसी कमरे में,
जो मिलते नहीं कभी ,मिल लेती हूँ उन्हें सपने में
उस आँगन में रोज़ सुनहरी धुप खिलती है,
शामे रंगीन सपनो से सजती हैं,
बड़ा खुबसूरत है दिल का आशियाना हमारा
जिसकी हर रात प्यार में ढलती हैं
उन्हें अभी हमारे प्यार की कदर नहीं ,
और इस बात का भी हो रहा हमपर असर नहीं ,
हम तो अपने हसीं ख्वाबों से उस आशियाने को सजा रहे हैं ,
जो आयेंगे नही उनके इंतज़ार में रात-दिन पलके बिछा रहे हैं .
Source: google images
~deeps
Kya baat hai, bahut sundar...A couplet came to my mind which I wrote few years back...:)
ReplyDeleteI liked it.. Its beautiful...Gives me sense of being ...
ReplyDeleteShashi
ॐ नमः शिवाय
Om Namah Shivaya
http://shadowdancingwithmind.blogspot.com/2011/12/whispers-buddha-song.html
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thnx n may I know d couplet u wrote..m sure dat must be gr8..
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