Monday, 12 December 2011

आशियाना दिल का

 हमारे लिए जगह नहीं जिनके आशियाने में,
उनके लिए दिल में हमने प्यार-भरा आशियाना  बनाया ,
हसीन यादों का उसमे एक कमरा बनाया ,
बीतती है हर शाम उसी कमरे में,
जो मिलते नहीं कभी ,मिल लेती हूँ उन्हें सपने में 

उस आँगन में रोज़ सुनहरी धुप खिलती है,
शामे रंगीन सपनो से सजती हैं,
बड़ा खुबसूरत है दिल का आशियाना हमारा
जिसकी हर रात प्यार में ढलती हैं 

उन्हें अभी हमारे प्यार की कदर नहीं ,
और इस बात का भी हो रहा हमपर असर  नहीं ,
हम तो अपने हसीं ख्वाबों से उस आशियाने को सजा रहे हैं ,
जो आयेंगे नही उनके इंतज़ार में रात-दिन पलके बिछा रहे हैं .

Source: google images


 ~deeps

3 comments:

  1. Kya baat hai, bahut sundar...A couplet came to my mind which I wrote few years back...:)

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  2. I liked it.. Its beautiful...Gives me sense of being ...

    Shashi
    ॐ नमः शिवाय
    Om Namah Shivaya
    http://shadowdancingwithmind.blogspot.com/2011/12/whispers-buddha-song.html
    At Twitter @VerseEveryDay

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  3. thnx n may I know d couplet u wrote..m sure dat must be gr8..

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