आज........
खिलखिलाती धुप की गर्मी,
को महसूस मैंने कई बार किया ,
काले बादल जो छा रहे हैं ,
आज उनकी बारिश में भींग जाने दो.
कई दिनों से जो पड़े थे शांत -से,
आँखों के आशियाने को छोड़,
अब बाहर आने की जिद्द कर रहे,
आज उन अश्कों को बह हीं जाने दो ..
लोगो के साथ तो बहुत रही ,
बहुत उनकी सुनी,
कुछ अपनी भी कही ,
आज जरा खोमोशी को भी अपनी सुनाने दो
कई दिनों से जो एक टीस-सी,
नजरंदाज़ करती आई अबतक जिन्हें ,
काटों की तरह इस दिल में चुभ रही है,
आज उस दर्द में को फिर हमे तड़पाने दो.
अतीत के साये ,चाहे-अनचाहे
जिनसे भागती रही हूँ,वो
कुछ यादें ,गुज़रे पलों की
आज फिर उन्हीं यादों में खो जाने दो.
एहसास जो आवाज़ न बन पाए,
कुछ अनकहे बोल,
कई दिनों से जो मचल रहे है ,
आज उनको शब्दों में ढल जाने दो.
Source:Google Images |
~deeps
Bahut Sundar!!!
ReplyDeleteSaru
thnx 4 ur sweet words :)
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